Sunday, 20 December 2009

इंतज़ार


जब तुम मेरी ज़िन्दगी में आये , नादाँ नासमझ अनजान थी,
इंतज़ार था सच्चे साथी का, उससे मिलने को बेकरार थी....

हंसती-गाती , खेलती-खिलखिलाती
हर किसी को अपना यार मानती
सपने सरे चूर हो गए
झूटे को सच्चा प्यार प्यार मान ली

तुमने तब भी मेरा साथ दिया जब खुद से अनजान थी,
इंतज़ार था सच्चे साथी का , उससे मिलने को बेक़रार थी....

कांच के टुकड़े को हीरा समझा
दिल का टूटना - तकदीर
खुद को कोसा, किसी से न कहा
ये तो थी मेरे ही हांथों की लकीर

तुमने तब भी सहारा दिया जब खुद से नाराज़ थी,
इंतज़ार था सच्चे साथी का, उससे मिलने को बेक़रार थी....

दिखावे की दुनिया में जीते जीते
तुम्हारी कदर न कर पाई
अंशु तुम्हारे मेरे गम में बहे
क्यों मैं यह समझ न पाई

तुमको खो कर मैंने जाना ,नादान नासमझ मैं कितनी अनजान थी,
जिसका सदियों से था इंतज़ार , मैं तो हमेशा ही उसके साथ थी ....

Thursday, 10 December 2009

A hole in my Heart..


I can see it happening again
Dreams falling apart
This time I feel no pain
But there’s a hole in my heart.

I thought you were the one,
The one who’s going to stay
A battle lost, disappointments won
As now you’re trying to run away

I can’t even stop you
Or beg you to wait
There’s nothing I can do
And now it’s too late

You are gone,
There’s an empty space
I pretend nothings wrong
With a smile on my brave face

But a hole in my heart
And a lot of pain
My dream fell apart
It happened again..